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हनुमान अमृतवाणी – Shree Hanuman Amritwani Part 2 (Anuradha Paudwal) Lyrics

Shree Hanuman Amritwani (Part 2) Is Popular Traditional Hanuman Bhajan Sung By Anuradha Paudwal From “Shri Hanuman Amritwani” Album. This Song Is Written By Balbir Nirdosh While Music Composed By Surinder Kohli. It’s Released By T-Series Bhakti Sagar Youtube Channel.

SongShri Hanuman Amritwani (Part 2)
AlbumShri Hanuman Amritwani
SingerAnuradha Paudwal
LyricsBalbir Nirdosh
MusicSurinder Kohli
Copyright LabelT-Series Bhakti Sagar

Shree Hanuman Amritwani (Hindi)

रामायण की भव्य जो माला
हनुमत उसका रत्न निराला
निश्चय पूर्वक अलख जगाओ
जय जय जय बजरंग ध्याओ
अंतर्यामी है हनुमंता
लीला अनहद अमर अनंता
राम की निष्ठा नस नस अंदर
रोम रोम रघुनाथ का मंदिर
सिद्धि महात्मा ये सुख धाम
इसको कोटि कोटि प्रमाण
तुलसीदास के भाग्य जगाये
साक्षात के दर्श दिखाए
सूझ बूझ धैर्य का है स्वामी
इसके भय खाते खलकामी
निर्भिमान चरित्र है इसका
हर एक खेल विचित्र है इसका
सुंदरकांड है महिमा इसकी
ऐसी शोभा और है किसकी
जिसपे मारुती की हो छाया
माया जाल ना उसपर आया
मंगलमूर्ति महासुखदायक
लाचारों के सदा सहायक
कपिराज ये सेवा परायण
इससे मांगो राम रसायन
जिसको दे भक्ति की युक्ति
जन्म मरण से मिलती मुक्ति
स्वार्थ रहित हर काज है इसका
राम के मन पे राज है इसका

वाल्मीकि ने लिखी है महिमा
हनुमान के गुणों की गरिमा
ये ऐसी अनमोल कस्तूरी
जिसके बिना रामायण अधूरी
कैसा मधुर स्वाभाव है इसका
जन जन पर प्रभाव है इसका
धर्म अनुकूल नीति इसकी
राम चरण से प्रीती इसकी
दुर्गम काज सुगम ये करता
जन मानस की विपदा हरता
युगो में जैसे सतयुग प्यारा
सेवको में हनुमान निरारा
श्रद्धा रवि बजरंग की रे मन माला फेर
भय बदरा छंट जाएंगे घड़ी लगे ना देर
अहिरावण को जिसने मारा
तुझे भी देगा वो ही सहारा
शत्रु सेना के विध्वंसक
धर्मी कर्मी के प्रसंशक

विजयलक्ष्मी से है विपोषित
महावीर की छवि है शोभित
बाहुबल प्रचंड है इसका
निर्णय अटल अखंड है इसका
हनु ने जग को ये समझाया
बिना साधना किसने पाया
ज्ञान से तुम अज्ञान मिटाओ
सद्गुण से दुर्गुण को भगाओ
हनुमत भजन यही सिखलाता
पुण्य से पाप अदृश्य हो जाता
जो जन पढ़े हनुमान चालीसा
हनु करे कल्याण उसी का
संकटमोचन जी भर पढ़िए
मन से कुछ विश्वास भी करिये
बिना भरोसे कुछ नहीं होता
तोता रहे पिंजरे का तोता
पाठ करो बजरंग बाण का
यही तो सूरज है कल्याण का
रोम रोम में शब्द उतारो
ऊपर ऊपर से ना पुकारो

हनुमान वाहुक है एक वाहन
सच्चे मन से करो आह्वान
अपना बनाएगा वो तुमको
गले लगाएगा वो तुमको
भीतर से यदि रोये ना कोई
उसका दिल से होये ना कोई
हनुमत उसको कैसे मिलेगा
सुख का कैसे फूल खिलेगा
मन है यदि कौवे के जैसा
हनु हनु फिर रटना है कैसा
कपड़े धोने से क्या होगा
नस नस भीतर है यदि धोखा
मन की आँखे भी कभी खोलो
मन मंदिर में उसे टटोलो
हनुमत तेरे पास है रहता
देख तू पिके अमृत बहता
कपिपति हनुमंत की सेवा करके देख
तेरे नसीबो की पल में बदल जाएगी रेख
बजरंग सचिदानंद का प्यारा
भक्ति सुधा की पावन धारा
अर्जुन रथ की ध्वजा पे साजे
बन के सहायक वह विराजे
जनक नंदिनी की ममता में
अवधपुरी की सब जनता में
रमी हुई है छवि निराली
भक्त राम का भाग्यशाली

देखा उसने एक दिन जाके
सीता को सिन्दूर लगाते
भोलेपन में हनु ने पूछा
क्यूँ लागे ये इतना अच्छा
ऐसा करने से क्या होता
मांग में भरने से क्या होता
मुझे भी मईया कुछ बतलाओ
क्या रहस्य है ये समझाओ
जानकी माता बोली हँसके
बाँध लो पल्ले ये तुम कसके
न्याय करता अंतर्यामी
रघुवर जो है तुम्हरे स्वामी
जितना ये मैं मांग में भरती
उतनी उनकी आयु बढ़ती
मैं जो उनको मन से चाहती
इसीलिए ये धर्म निभाती

रामभक्त हनुमान प्यारे
तीन लोक से है जो न्यारे
श्रद्धा का वो रंग दिखाया
रंग ली झट सिन्दूर से काया
बिलकुल ही वो हो सिन्दूरी
प्रभु की भक्ति करके पूरी
अद्भुत ही ये रूप सजा के
राजसभा में पहुंचे जाके
देख कपि की दशा न्यारी
खिलखिलाये सब दरबारी
प्रभु राम भी हँसके बोले
ये क्या रूप है हनुमत भोले
हनु कहा जो लोग है हँसते
वो नहीं इसका भेद समझते
जानकी मैया थी ये कहती
इससे आपकी आयु बढ़ती
चोला ये सिन्दूर का चढ़े जो मंगलवार
कपि के स्वामी की इससे आयु बढ़े अपार

विजय प्राप्त कर जब लंका पे
राम अयोध्या नगरी लौटे
राजसिंहासन पर जब बैठे
फूल गगन से खुशी के बरसे
जानकी वल्लभ करुणा कर ने
सबको दिए उपहार निराले
मुक्ताहार जो मणियों वाला
जिसका अद्भुत दिव्या उजाला
सीता जी के कंठ सजाया
राम ही जाने राम की माया
सीता ने पल देर ना कीन्ही
वो माला हनुमान को दीन्हि
महावीर थे कुछ घबराये
रहे देखते वो चकराए
जैसे उनको भाये ना माला
हृदय को भरमाये ना माला

गले से माला झट दी उतारी
तोड़े मोती बारी बारी
हीरे कई चबाकर देखे
सारे रत्न दबाकर देखे
व्याकुल उसकी हो गयी काया
पानी नैनन में भर आया
जैसे दिल ही टूट गया हो
भाग्य का दर्पण फूट गया हो
चकित हुए थे सब दरबारी
बोझ सिया के मन पे भारी
राम ने कैसा खेल रचाया
कोई भी इसको जान ना पाया
पूछा सिया ने अंजनी लाला
माँ का प्यार था ये तो माला
माँ की ममता क्यों ठुकरा दी
कौन सी गलती की ये सजा दी
बजरंग बोले आंसू भर के
जनक सुता के चरण पकड़ के
मैया हर एक मोती देखा
तोड़ तोड़ के सब कुछ परखा
कहीं ना मूरत राम की माता
वो माला किस काम की माता
कौड़ी के वो हीरे मोती
जिनमे राम की हो ना ज्योति
सुनके वचन हनुमान के कहा सिये तत्काल
राम तेरे तुम राम के हो ऐ अंजनी के लाल

एक समय की कथा ये सुनिए
कपि महिमा के मोती चुनिए
राम सेतु के निकट कहीं पर
राम की धुन में खोये कपिवर
सूर्य पुत्र शनि अभिमानी
ने जाने क्या मन में ठानी
हनुमान को आ ललकारा
देखना है बल मैंने तुम्हारा
बड़ा कुछ जग से सुना सुनाया
युद्ध मैं तुमसे करने आया
महावीर ने हँसके टाला
काहे रूप धरा विकराला
महाप्रतापी शनि तू माना
शक्ति कहीं जा और दिखाना
राम भजन दे करने मुझको
हाथ जोड़ मैं कहता तुझको
लेकिन टला ना वो अहंकारी
कहा अगर तू है बलकारी
मुझको शक्ति जरा तू दिखा दे
कितने पानी में है बता दे

हनुमान ने पूंछ बढ़ाकर
शनि के चारो ओर घुमाकर
कस के उसे लपेटा ऐसे
नाग जकड़ता किसी को जैसे
खूब घुमा के दिया जो झटका
बार बार पत्थरो पे पटका
हो गया जब वो लहू लुहान
चूर हो गया सब अभिमान
ऐसे अब ना छोडूंगा तुझको
कहा हनु ने वचन दे मुझको
मेरे भक्तो को तेरी दृष्टि
भूल के कष्ट कभी ना देगी
शनि ने हाँ का शक्त ऊंचारा
तब हुआ जाकर छुटकारा
चोट की पीड़ा से वो रोकर
तेल मांगने लगा दुखी होकर
शास्त्र हमको ये ही बताता
जो भी शनि को तेल चढ़ाता
उसकी दशा से वो बच जाता
हनुमान की महिमा गाता
शनि कभी जो आ घेरे मत डरियो इंसान
जाप करो हनुमान का हो जाए कल्याण

हनुमान निर्णायक शक्ति
हनुमान पुरषोतम भक्ति
हनुमान है मार्गदर्शक
हनुमान है भय विनाशक
हनुमान है दया निधान
हनुमान है गुणों की खान
हनुमान योद्धा सन्यासी
हनुमान है अमर अविनाशी
हनुमान बल बुद्धि दाता
हनुमान चित शुद्धि करता
हनुमान स्वामी का सेवक
हनुमान कल्याण दारक
हनुमान है ज्ञान ज्योति
हनुमान मुक्ति की युक्ति
हनुमान है दीन का रक्षक
हनुमान आदर्श है शिक्षक
हनुमान है सुख का सागर
हनुमान है न्याय दिवाकर
हनुमान है सच का अंजन
हनुमान निर्दोष निरंजन

हनुमान है आश्रय दाता
हनुमान सुखधाम विधाता
हनुमान है जग हितकारी
हनुमान है निर्विकारी
हनुमान त्रिकाल की जाने
हनुमान सबको पहचाने
हनुमान से मनवा जोड़ो
हनुमान से मुँह ना मोड़ो
हनुमान का कीजे चिंतन
हनुमान हर सुख का सागर
हनुमान को ना बिसराओ
हनुमान की शरण में जाओ
हनुमान उत्तम दानी
हनुमान का जप कल्याणी
हनुमान जग पालनहारा
हनुमान ने सबको तारा
हनुमान की फेरो माला
हनुमान है दीनदयाला
हनुमान को सिमरो प्यारे
हनुमान है साथ तुम्हारे
पवन के सुत हनुमान का जिसके सिर पर हाथ
उसको कभी डराये ना दुःख की काली रात

जय जय जय हनुमान, जय हो दया निधान
जय जय जय हनुमान, जय हो दया निधान
जय जय जय हनुमान, जय हो दया निधान

More Hanuman Bhajan Lyrics :-

Shree Hanuman Amritwani (English)

Ramayan Ki Bhavya Jo Mala
Hanumat Uska Ratna Nirala
Nishchay Purwak Alakh Jagao
Jay Jay Jay Bajrang Dhyao
Antaryami Hai Hanumanta
Lila Anahad Amar Ananta
Ram Ki Nishtha Nas Nas Andar
Rom Rom Raghunath Ka Mandir
Siddhi Mahatma Ye Sukh Dham
Isko Koti Koti Pranam
Tulsidas Ke Bhagya Jagaye
Sakshat Ke Darsh Dikhaye
Sujh Bujh Dhairya Ka Hai Swami
Iske Bhay Khate Khalkami
Nirbhiman Charitra Hai Iska
Har Ek Khel Vichitra Hai Iska
Sundarkand Hai Mahima Iski
Aisi Shobha Aur Hai Kiski
Jispe Maruti Ki Ho Chhaya
Maya Jaal Na Uspar Aaya
Mangalmurti Mahasukhdayak
Lacharo Ke Sada Sahayak
Kapiraj Ye Seva Parayan
Isse Mango Ram Rasayan
Jisko De Bhakti Ki Yukti
Janm Maran Se Milti Mukti
Swarth Rahit Har Kaaj Hai Iska
Ram Ke Man Pe Raaj Hai Iska

Valmiki Ne Likhi Hai Mahima
Hanuman Ke Guno Ki Garima
Ye Aisi Anmol Kasturi
Jiske Bina Ramayan Adhuri
Kaisa Madhur Swabhaw Hai Iska
Jan Jan Par Prabhav Hai Iska
Dharm Anukul Niti Iski
Ram Charan Se Priti Iski
Durgam Kaaj Sugam Ye Karta
Jan Manas Ki Vipda Harta
Yugo Me Jaise Satyug Pyara
Sevko Me Hanuman Nirara
Shraddha Ravi Bajrang Ki Re Man Mala Fer
Bhay Badra Chhant Jayenge Ghadi Lage Na Der
Ahiravan Ko Jisne Mara
Tujhe Bhi Dega Wo Hi Sahara
Shatru Sena Ke Vidhwasank
Dharmi Karmi Ke Prasanshak

Vijaylakshmi Se Hai Viposhit
Mahaveer Ki Chhawi Hai Shobhit
Bahubal Prachand Hai Iska
Nirnay Atal Akhand Hai Iska
Hanu Ne Jag Ko Ye Samjhaya
Bina Sadhna Kisne Paya
Gyan Se Tum Agyan Mitao
Sadgun Se Durgun Ko Bhagao
Hanumat Bhajan Yahi Sikhlata
Punya Se Paap Adrishya Ho Jata
Jo Jan Padhe Hanuman Chalisa
Hanu Kare Kalyan Usi Ka
Sankatmochan Ji Bhar Padhiye
Man Se Kuchh Vishwas Bhi Kariye
Bina Bharose Kuchh Nahi Hota
Tota Rahe Pinjre Ka Tota
Path Karo Bajrang Baan Ka
Yahi To Suraj Hai Kalyan Ka
Rom Rom Me Shabd Utaaro
Upar Upar Se Na Pukaro

Hanuman Wahuk Hai Ek Wahan
Sacche Man Se Karo Aahwan
Apna Banayega Wo Tumko
Gale Lagayega Wo Tumko
Bhitar Se Yadi Roye Na Koi
Uska Dil Se Hoye Na Koi
Hanumat Usko Kaise Milega
Sukh Ka Kaise Phool Khilega
Man Hai Yadi Kauwe Ke Jaisa
Hanu Hanu Fir Ratna Hai Kaisa
Kapde Dhone Se Kya Hoga
Nas Nas Bhitar Hai Yadi Dhokha
Man Ki Aankhe Bhi Kabhi Kholo
Man Mandir Me Use Tatolo
Hanumat Tere Pass Hai Rahta
Dekh Tu Pike Amrit Bahta
Kapipati Hanumant Ki Seva Karke Dekh
Tere Nasibo Ki Pal Me Badal Jayegi Rekh
Bajrang Sacchidanand Ka Pyara
Bhakti Sudha Ki Paawan Dhara
Arjun Rath Ki Dhwaja Pe Saje
Ban Ke Sahayak Wah Viraje
Janak Nandini Ki Mamta Me
Awadhpuri Ki Sab Janta Me
Rami Hui Hai Chhawi Nirali
Bhakt Ram Ka Bhagyashali

Dekha Usne Ek Din Jake
Sita Ko Sindur Lagate
Bholepan Me Hanu Ne Puchha
Kyu Laage Ye itna Achha
Aisa Karnse Se Kya Hota
Mang Me Bharne Se Kya Hota
Mujhe Bhi Maiya Kuchh Batlao
Kya Rahasya Hai Ye Samjhao
Janki Mata Boli Hans Ke
Bandh lo Palle Ye Tum Kas Ke
Nyay Karta Antaryami
Raghuwar Jo Hai Tumhre Swami
Jitna Ye Main Mang Me Bharti
Utni unki Aayu Badhti
Main Jo Unko Man Se Chahti
Isliye Ye Dharm Nibhati

Rambhakt Hanuman Pyare
Tin Lok Se Hai Jo Nyare
Shraddha Ka Wo Rang Dikhaya
Rang Li Jhat Sindur Se Kaya
Bilkul Hi Wo Ho Sinduri
Prabhu Ki Bhakti Karke Puri
Adbhut Hi Ye Roop Saja Ke
Rajsabha Me Pahuche Jake
Dekh Kapi Ki Dasha Nyari
Khilkhilaye Sab Darbari
Prabhu Ram Bhi Hans Ke Bole
Ye Kya Roop Hai Hanumat Bhole
Hanu Kaha Jo Log Hai Hanste
Wo Nahi Iska Bhed Samajhte
Janki Maiya Thi Ye Kahti
Isse Aapki Aayu Badhti
Chola Ye Sindur Ka Chadhe Jo Mangalwar
Kapi Ke Swami Ki Isse Aayu Badhe Apar

Vijay Prapt Kar Jab Lanka Pe
Ram Ayodhya Nagri Laute
Rajsihasan Par Jab Baithe
Phool Gagan Se Khushi Ke Barse
Janki Vallabh Karuna Kar Ne
Sabko Diye Upahar Nirale
Muktahar Jo Maniyo Wala
Jiska Adbhut Divya Ujala
Sita Ji Ne Kanth Sajaya
Ram Hi Jane Ram Ki Maya
Sita Ne Pal Der Na Kinhi
Wo Mala Hanuman Ko Dinhi
Mahaveer The Kuchh Ghabraye
Rahe Dekhte Wo Chakaraye
Jaise Unko Bhaye Na Mala
Hridya Ko Bharmaye Na Mala

Gale Se Mala Jhat Di Utari
Tode Moti Bari Bari
Hire Kayi Chabakar Dekhe
Sare Ratna Dabakar Dekhe
Vyakul Uski Ho Gayi Kaya
Pani Nainan Me Bhar Aaya
Jaise Dil Hi Toot Gaya Ho
Bhagya Ka Darpan Fut Gaya Ho
Chakit Huye The Sab Darbari
Bojh Siya Ke Man Pe Bhari
Ram Ne Kaisa Khel Rachaya
Koi Bhi Isko Jaan Na Paya
Puchha Siya Ne Anjani Lala
Maa Ka Pyar Tha Ye To Mala
Maa Ki Mamta Kyo Thukra Di
Kaun Si Galti Ki Ye Saja Di
Bajrang Bole Aasu Bhar Ke
Janak Suta Ke Charan Pakad Ke
Maiya Har Ek Moti Dekha
Tod Tod Ke Sab Kuchh Parkha
Kahi Na Murat Ram Ki Mata
Wo Mala Kis Kaam Ki Mata
Kaudi Ke Wo Hire Moti
Jinme Ram Ki Ho Na Jyoti
Sunke Vachan Hanuman Ke Kaha Siye Tatkal
Ram Tere Tum Ram Ke Ho Ae Anjani Ke Laal

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